सांसद पद की शपथ लेने के बाद अमृतपाल सिंह का पहला बयान; सोशल मीडिया पर अपने परिवार को चेतावनी दी, मां के बयान से दुखी

Lok Sabha MP Amritpal Singh Statement On His Mother

Lok Sabha MP Amritpal Singh Statement On His Mother, Warns To Family

Lok Sabha MP Amritpal Singh: 'वारिस पंजाब दे' चीफ और खडूर साहिब लोकसभा सीट से नवनिर्वाचित सांसद अमृतपाल सिंह का एक बयान सामने आया है। 5 जुलाई को सांसद पद की शपथ लेने के बाद अमृतपाल सिंह का यह पहला बयान है। जो कि उनके नाम के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से जारी किया गया है.

दरअसल, अमृतपाल सिंह ने अपनी मां द्वारा उनके बारे में दिए गए एक बयान को लेकर अपना बयान जारी किया है। जिसमें अमृतपाल सिंह अपनी मां के बयान से खुद को अलग करते हुए दिख रहे हैं। अमृतपाल का कहना है कि, उनकी मां द्वारा दिए गए बयान के बारे में जब उन्हें पता चला है तो उनका दिल बहुत दुखी हुआ है. मां के बयान को लेकर अमृतपाल सिंह ने अपने परिवार को चेतावनी भी दे डाली।

मां के बयान पर अमृतपाल सिंह ने क्या-क्या कहा?

अमृतपाल सिंह सोशल मीडिया पर जारी किए अपने बयान में लिखा- आज जब मुझे मां द्वारा दिए गए बयान के बारे में पता चला तो मेरा मन बहुत दुखी हुआ, बेशक, मुझे यकीन है कि यह बयान मां ने अनजाने में दिया होगा, लेकिन फिर भी ऐसा बयान मेरे परिवार या मेरा समर्थन करने वाले किसी भी व्यक्ति की तरफ से नहीं आना चाहिए।

अमृतपाल सिंह ने आगे कहा- खालसा राज्य का ख्वाब देखना कोई गुनाह नहीं, गर्व की बात है। जिस रास्ते के लिए लाखों सिखों ने अपनी जान कुर्बान की है, उससे पीछे हटने के लिए हम सपने में भी नहीं सोच सकते। मैंने मंच से बोलते हुए कई बार कहा है कि अगर मुझे पंथ और परिवार में से किसी एक को चुनना पड़े, तो मैं हमेशा पंथ को ही चुनूंगा।

अमृतपाल सिंह ने इस संबंध में इतिहास में जाकर बंदा सिंह बहादुर के समय का एक उदाहरण भी दिया। अमृतपाल ने कहा कि, बेशक यह उदाहरण इस घटना के लिए बेहद सख्त है, लेकिन सैद्धांतिक नजरिए से यह समझने के काबिल है।

वहीं अमृतपाल सिंह ने आगे कहा- मैं अपने परिवार को चेतावनी देता हूं कि वे कभी भी सिख राज्य से समझौता करने के बारे में न सोचें, यह कहना तो बहुत दूर की बात है। सिख राज्य पर समझौते के बारे में सोचना भी अस्वीकार्य है और उम्मीद है कि आगे यह गलती नहीं दोहराई जाएगी। क्योंकि सामूहिक दृष्टिकोण से कहें तो ऐसी गलती नहीं की जानी चाहिए। गुरु पंथ का गुलाम, अमृतपाल सिंह बंदी डिब्रूगढ़ जेल असम।

अमृतपाल की मां ने क्या बयान दिया था?

दरअसल, अमृतपाल सिंह के लोकसभा सदस्य बनने के बाद उनकी मां ने कहा था कि पंजाब के युवाओं के पक्ष में बोलने से वह 'खालिस्तानी समर्थक' नहीं बन जाते। अमृतपाल खालिस्तानी समर्थक नहीं हैं। क्या पंजाब के बारे में बोलना, पंजाब के युवाओ को बचाना उन्हें खालिस्तानी समर्थक बनाता है? उन्होंने संविधान के दायरे में चुनाव लड़ा और अब उन्हें खालिस्तानी समर्थक नहीं कहा जाना चाहिए।

खडूर साहिब सीट से अमृतपाल ने जीत हासिल की

अमृतपाल ने इस बार लोकसभा चुनाव-2024 में आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था और पंजाब की खडूर साहिब सीट से जीत दर्ज की थी। अमृतपाल सिंह ने 197120 वोटों से फतह हासिल की। अमृतपाल को कुल 404430 वोट मिले। वहीं, कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा को 207310 वोट मिले। साल 2019 के नतीजों की बात करें तो यहां कांग्रेस के जसबीर सिंह गिल की जीत हुई थी।

असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल

अमृतपाल सिंह को इस समय असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद रखा गया है। जेल में बंद रहते हुए अमृतपाल ने लोकसभा चुनाव चुनाव लड़ा था। इसके अलावा चुनाव जीतने के बाद सांसद पद की शपथ दिलाने के लिए अमृतपाल को 5 जुलाई को असम से कड़ी सुरक्षा में दिल्ली संसद लाया गया था। जहां शपथ दिलाने के बाद अमृतपाल को तुरंत वापस असम ले जाया गया। ज्ञात रहे कि, अलगाववादी ताकतों और देश विरोधी उन्माद बढ़ाने के लिए Waris Punjab De संगठन के मुखिया अमृतपाल को पिछले साल अरेस्ट किया गया था और नेशनल एक्ट (NSA) के तहत कार्रवाई की गई थी।